ब्लॉग सुधारक च निखारक गीत
(तर्ज़- तू मुझे सुना मैं तुझे सुनाऊँ अपनी प्रेम कहानी)
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तू मुझे टिपिया मैं तुझे टिपियाऊँ
जमेगी ब्लॉग कहानी
हाँ अपनी ब्लॉग कहानी
एक के बदले एक मिलेगी
दूजी मांग बेमानी
हाँ दूजी मांग बेमानी
कभी-कभी जो समय ना हो तो
ठेल तू सकता अपनी पोस्ट पुरानी
हाँ अपनी पोस्ट पुरानी
विषयों की कोई कमी नही है
क्या कविता क्या कहानी
हाँ क्या कविता क्या कहानी
रिश्तों पर भी पोस्ट है बनती
कभी अम्मा कभी नानी
हाँ कभी अम्मा कभी नानी
गाली-गलौज भी शुरू हुए अब
करते कुछ मनमानी
हाँ करते कुछ मनमानी
एक ही दिन मे तीन-तीन ठेलें जो
उनकी कलम दिवानी
हाँ उनकी कलम दिवानी
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12 comments:
श्री बाल कृष्ण जी आपकी शिकायत दूर कर रहा हूँ। आज टिप्पणी कर दिया है।
अभी समय नही मिल पा रहा है जल्द ही सक्रियता बढ़ेगी तो आपकी कविता यर्थात उजागर होगा, और मैरी टिप्पणी लागतार आपके ब्लाग पर होगी/
व्यस्तताओं के दौर मे नियमित न हो पाने के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ।
अक्सर लिखते लोग ब्लॉग पे
अपनी राम कहानी
रे भैय्या अपनी राम कहानी
मेरे जैसे इक्का दुक्का
करते बात सयानी
रे भैय्या करते बात सयानी
बहुत खूब
नीरज
कितनी बढ़िया हमें सुनाई
आपने ब्लॉग-कहानी
वाह! बल किशन जी, यथार्थ झलकता है आपकी इस पोस्ट में. गीत सुंदर बन पड़ा है. बहुत खूब. ऐसे ही और गीत आपसे पढ़ने की आशा है.
हा हा, क्या खूब!!
बहुत बढ़िया :)
तू कर लिंक मुझे
मैं तुझे करूं, ओ जानी!
तू मुझे टिपिया मैं तुझे टिपियाऊँ
हम भी टिपिया दिये हैं भाई, हाजरी भरी जाए ।
आरंभ
जूनियर कांउसिल
बालकिशनजी
मायाराज की असलियत पर पहले भी काफी कुछ लिख चुका हूं। मायावती के गुडों के कारनामों पर भी निरंतर लिख रहां हूं। आपकी मेल आईडी नहीं मिली इसलिए यहां लिख रहा हूं। देखकर बताइए।
http://batangad.blogspot.com/
उत्तर प्रदेश डायरी ब्लॉग पर भी जरा एक नजर डालिए
http://updiary.blogspot.com/
ह्म्म तुकबन्दी..! बेहतर कर सकते हो बालकिशन..
मुझे आपकी कविता कुछ अधूरी सी लगी थी, परंतु फिर टिप्पणियों पर नजर गई तो लगा कि वो पूरी हो गयी...
ब्लॉगिंग पर संपूर्ण कविता. गीत और गान तो पहले से ही थे, अब कविता भी हो गई. :)
मज़ा आगया! ज्यादा क्या लिखें? ज्यादा लिखेंगे तो भी सारी टिप्पणी का यह ही अर्थ मिलेगाः 'मज़ा आ गया।' प्रयोगवादी युग में यह यथार्थवादी कविता - मज़ा आगया।
अब एक आरती भी लिख डालो प्यारे बालकिशन
जय जय ब्लॉग हरे
ओम जय ब्लॉग हरे
ओम जय ब्लॉग हरे
हर ब्लॉगस्वामी इसमें पोस्टियाता
जी मेल धारी जी भर भर टिपियाता
अपने मन की हलचल इसमें समाता
जय जय ब्लॉग हरे
ओम जय ब्लॉग हरे
हम भी बगीची अपनी सजाते
उसमें नई पोस्टिंग रोज लगाते
खाली न दिन कोई अब जाता
स्वामी खाली न दिन कोई जाता
जय जय ब्लॉग हरे
ओम जय ब्लॉग हरे
मैंने शुरूआत कर दी है अब आप इसमें अपने ब्लॉगस्वामी मित्रों औ बैरियों से बंध जोड़ने के लिए अनुरोध कर सकते हैं। इसे एक जनवरी दो हजार आठ को आवश्यक रूप से पोस्ट कर दिया जाए। इन छंदों बंधों को आप पोस्टिंग के रूप में डालकर सहयोग के लिए जारी कर सकते हैं। और हां बालकिशन प्यारे ब्लॉग का बीता वर्ष कैसा रहा, कौन मिला, किसने क्या कहा इस पर एक पोस्टिंग डालना मत भूलना। हम इंतजार करेंगे मित्र।
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