Friday, February 13, 2009

आशा थी कि अब गड्डी बिकेगी.....

सरकार ने लिक्विडिटी को बढ़ावा देते हुए व्याज दरों में गिरावट की. आशा थी कि अब गड्डी बिकेगी.

लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

बिकी तो लेकिन गड्डी नही बल्कि.....

5 comments:

नटखट बच्चा said...

आप क्या बेचेगे वैसे ?किसी ओर को साथ लेंगे या अकेले ठेली लगायेंगे ?

दिनेशराय द्विवेदी said...

बहुत दिनों में आए। क्यो बेच रहे थे?

Gyan Dutt Pandey said...

गड्डी कार वाली या नोटों की?

roushan said...

बहुत भ्रम है क्या बेचना था और लेकिन के बाद क्या हुआ

ताऊ रामपुरिया said...

आपको परिवार सहिय होली पर्व की बधाई और घणी रामराम.