Friday, August 8, 2008

समीर भाई क्या ये आपके बचपन की तस्वीर है ?

इस पोस्ट को लिखने की प्रेरणा ( ख़बरदार! नक़ल ना कहें) यंहा से मिली है।
मुझे मिला है ताज - साल के सर्वश्रेष्ठ ब्लागेर का, बधाई दीजिये।

आज माफ़ कर दीजिये कमेन्ट नहीं कर पाऊंगा बहुत काम है।

बोलो बोलो टिपण्णी करोगे या नहीं?

आज किस बिषय पर लिखूँ बड़ी चिंता का विषय है ये?

टिपियाने की तैयारियां चल रही है भाइयों.

पसंद दे देना लेकिन इसपर टिप्पणी मत करना.

मैं हूँ आत्ममुग्ध ब्लॉगर. हजामत करके छोडूंगा.

समीर भाई क्या ये आपके बचपन की तस्वीर है?

और अंत में कुछ इसी तरह के विचार बहुत से ब्लोगर्स की तस्वीरें देख कर आते हैं। क्या उन्हें पोस्ट के माध्यम से व्यक्त कर सकता हूँ? आप की राय के बाद ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर सकूँगा।
आपकी अमूल्य राय की प्रतीक्षा में-
आपका
बालकिशन.









40 comments:

seema gupta said...

"ha ha ha very interetsing, i agree with your proposal and hope every body will support you, what is wrong in it, itne sunder childhood ko kaun nahee dekhna chahega???"

Regards

vineeta said...

हा हा हा हा हा हा
मज़ा आ गया, बरसात सार्थक को गयी , दिल खुश कर दित्ता आपने.

Anonymous said...

sameer ji ko bharat vaaps bula lae bachpan kae chitr daekhakar lagtaa ahen inko vidheshhi hawaa suit nahin kee haen . aur ख़बरदार! karney kae liyae shukriya

रंजू भाटिया said...

समीर जी आप तो बचपन में बहुत क्यूट थे ..:) सो स्वीट ...यह तो बहुत creative आइडिया है बाल किशन जी सबको ख़ुद से यूँ रूबरू करवाने का .:) बहुत मजेदार सोच लगी आपकी यह ...

Arun Arora said...

भाई बालकिशन जी , लगता है आजकल आपने पंगा लेने के लिये ही ब्लोग पर पोस्ट ठेलने का व्रत ले लिया है , वरना आप हमारी इत्ती सारी फ़ोटो लगाकर समीर भाई की ना बताते , ये आप पिछलीदिल्ली यात्रा मे हमारे घर से उठाकर ले गये थे. समीर भाई की फ़ोटॊ देखिये ढेर मे कहा पडी है . उनकी बचपन की कोई फ़ोटॊ देखलो बिलकुल समीरा रेड्डी से मिलती है , मिले भी क्यो ना आखिर दोनो भाई बहन जो है :)

Udan Tashtari said...

लगती तो मेरी ही है-बस, ब्राईटनेस में १/२० का फर्क आ गया है. :) हा हा!! मस्त है.

ये पंगेबाज किसको भाई बहन बता रहे हैं??? वो वाले समीर फिल्मों में गाना लिखते हैं और बस, कन्फ्यूजन क्रियेट कराते हैं!! :)

पारुल "पुखराज" said...

badhiya hai...badi mehnat ki aapney:)

Rajesh Roshan said...

खूब भालो... उम्दा

L.Goswami said...

ha ha ha kya baat hai.waah samir jee kitne sundar lag rahen hain.

रंजना said...

WWAAAAHHHH....KAMAAL KA HAI,IDEA BHI AUR POST KA PRASTUTIKARAN BHI.

HANUMAAN JI KA NAAM LIJYE AUR SHURU HO JAIYE ABHIYAAN ME.

HAM PRATIKSHA KARENGE KI HAMARI BAARI KAB AAYEGI...GREAT IDEA..

Shiv said...

भाई, बहुत खूब रही यह पोस्ट. आज अलग तरह की पोस्ट दिया तुमने. बहुत बढ़िया.

डा. अमर कुमार said...

भाई बालकिशन..आप अमूल्य राय की प्रतीक्षा में
कहीं और...कुछ और ज़्यादा तो नहीं सूख गये हैं ?

आजकल ओरिज़िनल के वाइरस का कुछ प्रकोप
चला दिखता है, ब्लागाआआअर पर, आक्क्छीं !

ऊपर वाले का करम है, कि...
यह वाइरस आपको भी पकड़ने के फ़िराक में है ।
ईश्वर को कोटिशः धन्यवाद..
कम से कम आपकी प्राणहंता कविताओं से तो हम ग़रीब बच जायेंगे ।
और, देखिये..हा हा ही ही हू हू भी नहीं निपोर रहा हूँ,
बोले तो, ' आई एम सीरियस '

Prabhakar Pandey said...

बहुत ही मजेदार पोस्ट। एकदम अलग। झकास।
इस पोस्ट के लिए ढेर सारी बधाई स्वीकारें।

मीनाक्षी said...

बहुत खूब....हमे अपनी शरारते याद आ गई जब 3-4 साल पहले बच्चो की तस्वीरो में अपनी और दोस्तो की मंडली के चेहरे जमा देते...क्या मज़ा आता जो आप भी चेहरे बदल देते... :)

नीरज गोस्वामी said...

बालकिशन जी महाराज
आप ने सिद्ध कर दिया है की आप में "सेंस आफ ह्यूमर" की कतई कमी नहीं है.... ये जिन्दा दिल इंसान की निशानी है...बहुत खूब.
नीरज

admin said...

गजब की फोटो सहेजा है आपने। देखके मजा ही आ गया।

शोभा said...

क्या आइडिया है । लाजवाब । बहुत प्यारे और बोलते हुए से चित्र हैं। इतने प्यारे चित्र दिखाने के लिए आभार।

ताऊ रामपुरिया said...

भई चाल्हे रौप राखें सें थमनै तो !
घण्णा सुथरा आइडिया लाग्या यो तो !

संजय बेंगाणी said...

यह एक मजेदार विचार है, देख कर मजा आया. जारी रख सकते है.

Udan Tashtari said...

खूब इत्मिनान से जारी रहें, बहुत शुभकामनाऐं-हम तो नप ही गये हैं, बाकियों को क्यूँ बचवायें. :)

Tarun said...

bahut khoob balkishan ji, pehle ye saari tashveeren bager caption ke dekhi thi, aaj caption ke saath dekh ke maja dugna ho gaya......aap jaari rakh sakte hain

Dr. Chandra Kumar Jain said...

जानदार...शानदार
बहुत रोचक.
===============
बधाई
डा.चन्द्रकुमार जैन

Manish Kumar said...

mazedaar :)

अनूप शुक्ल said...

शानदार। आगे भी जारी रखिये। शुरुआत पंगेबाज से।

लोकेश Lokesh said...

बढ़िया है। जारी रखिये।

pallavi trivedi said...

देख कर मजा आया....

वर्षा said...

ब्लॉगरगिरी की सही पहचान

वर्षा said...

ब्लॉगरगिरी की सही पहचान

दिनेशराय द्विवेदी said...

बेजी के बाद आप भी उतर ही आए चित्र-काव्य के मैदान में। लगता है जंग शुरू होने वाली है।

Nitish Raj said...

बालकिशन जी बहुत बढ़िया आप के क्या कहने। अच्छा लगी ये तस्वीरों वाली पोस्ट

अजित वडनेरकर said...

दिलचस्प

राज भाटिय़ा said...

भाई बाल किशन जी मे इन फ़ोटो को देखते देखते इतना खो गया की टिपण्णी देना ही भुल गया, बहुत सुन्दर हे फ़ोटु बिलकुल समीर भाई की तरह से

योगेन्द्र मौदगिल said...

भई वाह बालकिशन जी
आपने बिल्कुल सही व्यक्ति को छेड़ा
किसी और को छेड़ते तो शायद इतना मजा नहीं आता
खूब बहुत खूब........

Ashok Pandey said...

आपके अमूल्‍य प्रोजेक्‍ट की प्रतीक्षा में ...

डॉ .अनुराग said...

bas sabko padh gaya hun....aor muskra diya hun....

रश्मि शर्मा said...

मजा आ गया। बहुत बहुत बढि‍या

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

बालकिशन जी तो आज किशन-कन्हैया की तरह नटखट हो लिए हैं। ऊपर से तुर्रा ये कि ये तस्वीरें समीर जी की हैं। मान गये उस्ताद...

प्रवीण त्रिवेदी said...

बढ़िया है / पूरा इत्मिनान हो गया कि तस्वीरें बोलती भी हैं /
प्राइमरी का मास्टर
http://primarykamaster.blogspot.com/

Unknown said...

भाई वाह, बहुत खूब. जारी रखिये.

Anonymous said...

sabhi ka bachpan hai ye to