tag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post8498873685703100679..comments2023-06-29T15:56:42.485+05:30Comments on बालकिशन का ब्लॉग: दर्द की खेतीबालकिशनhttp://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-90355086747989223942007-11-03T10:52:00.000+05:302007-11-03T10:52:00.000+05:30आप बहुत बढिया लिख रहे हैं।दीपक भारतदीपआप बहुत बढिया लिख रहे हैं।<BR/>दीपक भारतदीपदीपक भारतदीपhttps://www.blogger.com/profile/14727354455089892030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-24037481029747059872007-10-31T13:37:00.000+05:302007-10-31T13:37:00.000+05:30और चूँकि भारत एक कृषि प्रधान देश है (कितनी बार घोट...और चूँकि भारत एक कृषि प्रधान देश है (कितनी बार घोटा लगाया होगा इस पंक्ति का!) यहाँ यह बुआई ज़्यादा होती है!आलोकhttps://www.blogger.com/profile/03688535050126301425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-43344875740937981932007-10-30T23:05:00.000+05:302007-10-30T23:05:00.000+05:30विचित्र है यह खेती, सिर्फ बो दो। निराई-गुड़ाई नहीं ...विचित्र है यह खेती, सिर्फ बो दो। निराई-गुड़ाई नहीं चाहिये। न चाहिये खाद पानी। जितना काटो, उतनी लहलहाती है। इसकी जमीन उर्वरा होती जाती है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-80146032998380942262007-10-30T22:26:00.000+05:302007-10-30T22:26:00.000+05:30बहुत बढिया कविता...भैया, तुम तो छा गए...नीरज भैया ...बहुत बढिया कविता...भैया, तुम तो छा गए...नीरज भैया का आशीर्वाद मिला अलग से...बहुत खूब....Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-2749740141260020882007-10-30T22:18:00.000+05:302007-10-30T22:18:00.000+05:30बहुत बढिया रचना है...सुन्दर भाव हैं।सच है सभी आज ऐ...बहुत बढिया रचना है...सुन्दर भाव हैं।सच है सभी आज ऐसी खेती ही कर रहे हैं।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-4286616689384647102007-10-30T21:21:00.000+05:302007-10-30T21:21:00.000+05:30पूरा दर्द उसी के लिए छोड़ देता है, जिसके लिए वो बोत...पूरा दर्द उसी के लिए छोड़ देता है, जिसके लिए वो बोता है. <BR/><BR/><BR/>--अति उत्तम. बहुत गहरी बात कह गये आप. बधाई.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-53924351324753318612007-10-30T19:48:00.000+05:302007-10-30T19:48:00.000+05:30बाल किशन जी क्या कहूँ आपने तो कमाल ही कर दिया है. ...बाल किशन जी <BR/>क्या कहूँ आपने तो कमाल ही कर दिया है. इतनी अच्छी कविता की उम्मीद आप से तो न थी. आप ने मेरी आप के प्रति बनी धारणा को तहस नहस कर दिया है.मुझे नहीं मालूम था आप इतने सिद्ध कवि हैं. "मैं मूरख अज्ञानी कृपा करो भरता.... "भाई बहुत अच्छे ऐसे ही लिखते रहो चाहे कोई पढे या न पढे. वैसे भी अच्छी बात या कविता वोही होती है जिसको पढने गुनने वाले कम हों. <BR/>मेरी हार्दिक बधाई .<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.com