tag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post5010285424317679562..comments2023-06-29T15:56:42.485+05:30Comments on बालकिशन का ब्लॉग: उम्मीदबालकिशनhttp://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-53539402631146987672007-12-08T19:00:00.000+05:302007-12-08T19:00:00.000+05:30ख्वाबों कि राख पर बैठ हाथ मलने से क्या हासिलइक नया...ख्वाबों कि राख पर बैठ हाथ मलने से क्या हासिल<BR/>इक नया ख्वाब किसी आँख मे तुम सजाओ तो कोई बात बने..<BR/><BR/>बहुत खूब जनाब...Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-26878920827795610942007-12-08T18:30:00.000+05:302007-12-08T18:30:00.000+05:30@कीर्तिश भट्टअरे सर जरा ध्यान दीजिये कंही वो मैं ह...@कीर्तिश भट्ट<BR/>अरे सर जरा ध्यान दीजिये कंही वो मैं ही तो नही.<BR/><BR/>@ नीरज भइया<BR/>वड्डे वाप्पाजी सिखलाना तो आपको पड़ेगा ही.<BR/>भला बाल-सुलभ हठ के आगे किसी की कंही चली है जो आपकी चलेगी.<BR/><BR/>@ज्ञान भइया<BR/>आप भी हमको झाड़ पे चढाने मी लगे है. शायद आपको पता नही हा नही जानते है चढ़ना. गिर-गिरा जायेंगे तो हाथ पैर तुड़वा बैठेंगे और आपका नाम ख़राब होगा सो अलग.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-12020902835272536952007-12-08T17:53:00.000+05:302007-12-08T17:53:00.000+05:30बहुत सुंदर रचना. बाल किशन जी आपही के नाम का मेरा ए...बहुत सुंदर रचना. बाल किशन जी आपही के नाम का मेरा एक और मित्र भी है और तो और आपका फोटो भी कुछ कुछ उससे मिलता है.Kirtish Bhatthttps://www.blogger.com/profile/10695042291155160289noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-44360823533695828752007-12-08T14:33:00.000+05:302007-12-08T14:33:00.000+05:30सुंदर!!पसंद आई रचना।सुंदर!!<BR/>पसंद आई रचना।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-69936086256627344282007-12-08T14:28:00.000+05:302007-12-08T14:28:00.000+05:30क्या ज्ञान भईया आप भी कैसी बात करते हैं? भला हम सी...क्या ज्ञान भईया आप भी कैसी बात करते हैं? भला हम सी राई की बाल किशन जी के पहाड़ से कैसी टक्कर?हम तो आते ही कहाँ हैं उनके रास्ते में, पहले से ही हट जाते हैं. पहले जनाब गध्य लिखते थे अब ग़ज़ल लिखने लगे हैं. क्या करें अब हमारे पास बोरिया बिस्तर बाँधने के अलावा और रास्ता ही क्या बचा है?बड़े बेआबरू हो कर ब्लोगिंग से निकलने से अच्छा है की समय रहते इज्ज़त से रवाना हो जायें.<BR/>बहुत बढ़िया लिखे है बाल किशन जी महाराज जहाँ तक ग़ज़ल लेखन के तकनिकी पक्ष का सवाल है तो उसमें अभी हाथ साफ करने की ज़रूरत है ऐसा मुझे लगता है, हालांकि मैं ख़ुद अभी क ख ग सीख रहा हूँ सुबीर जी से.<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-80467466882784839272007-12-08T12:33:00.000+05:302007-12-08T12:33:00.000+05:30ये अच्छा कहा है की "इक नया ख्वाब किसी आँख मे तुम स...ये अच्छा कहा है की "इक नया ख्वाब किसी आँख मे तुम सजाओ तो कोई बात बने. "<BR/>अपनी आखों में ख्वाब सजाने को तो हर कोई कहता है. अच्छा है.....पुनीत ओमरhttps://www.blogger.com/profile/09917620686180796252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-19826093247590334782007-12-08T11:49:00.000+05:302007-12-08T11:49:00.000+05:30बाल किशन जी साधुवाद.. हम दोनों के पास उम्मीदें हैं...बाल किशन जी साधुवाद.. हम दोनों के पास उम्मीदें हैं,Manjit Thakurhttps://www.blogger.com/profile/09765421125256479319noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-16175912979287958972007-12-08T11:42:00.000+05:302007-12-08T11:42:00.000+05:30कविता के भाव बहुत अच्छे है।उम्मीद है की आगे भी ऐसी...कविता के भाव बहुत अच्छे है।<BR/><BR/>उम्मीद है की आगे भी ऐसी ही अच्छी कवितायें पढ़ने को मिलेंगी।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-39589314007161679542007-12-08T10:14:00.000+05:302007-12-08T10:14:00.000+05:30dil ko chu gayi apki kavita...dil ko chu gayi apki kavita...Keerti Vaidyahttps://www.blogger.com/profile/01874727539434284858noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-77867184105593346782007-12-08T09:27:00.000+05:302007-12-08T09:27:00.000+05:30बहुत भावभीनी रचना.... एक एक पंक्ति बोलती सी... बस ...बहुत भावभीनी रचना.... एक एक पंक्ति बोलती सी... बस अंत की दो पंक्तियाँ ... उन्हें लेकर एक और कविता का जन्म हो सकता है... यह मेरा विचार है क्योंकि हर पाठक अपने तरीके से भाव ग्रहण करता है...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-47798537457485089522007-12-08T08:43:00.000+05:302007-12-08T08:43:00.000+05:30बहुत अच्छा लिखा है। अहिंसा तुम बापू सी करो में दम...बहुत अच्छा लिखा है। <BR/><BR/>अहिंसा तुम बापू सी करो <BR/><BR/>में दम है। किन्तु मै इस बात से सहमत नही हूँ।Pramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-19704885713052460522007-12-08T07:17:00.000+05:302007-12-08T07:17:00.000+05:30जय हो बालकिशन! नीरज जी की टक्कर की दुकान बन रही है...जय हो बालकिशन! नीरज जी की टक्कर की दुकान बन रही है! :-) <BR/>------<BR/><BR/>खैर मजाक एक तरफ, कविता बहुत अच्छी लगी। इसलिये कि भाव बड़े सात्विक हैं और पूरी तरह समझ में आते हैं। अच्छी कविता पेश करने की बधाई।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5934688400202363802.post-53717122510926700722007-12-08T06:52:00.000+05:302007-12-08T06:52:00.000+05:30भाई बालकिशन जी,बहुत खूब लिखा है आपने....वाह!आपका ल...भाई बालकिशन जी,<BR/><BR/>बहुत खूब लिखा है आपने....वाह!<BR/>आपका लेखन वाकई बहुत बढ़िया है...बाकी तकनीक के बारे में तो नीरज भइया कहेंगे...Shiv Kumar Mishrahttps://www.blogger.com/profile/16210136982521324733noreply@blogger.com